दो किनारे, अलग हुए, और नदिया खो गई
दो किनारे, अलग हुए, और नदिया खो गई
कौन लहर, किस बूंद से?
कौन लहर, किस बूंद से?
जाने क्या ग़लती हो गई?
दो किनारे, अलग हुए, और नदिया खो गई
चंदा, आसमानी पगला, पानी पर कहानी लिखे
बड़ा समझाऊ इसको, दिल तो बस नादानी सिखे
एक भोर जो दोनों के बीच थी, इस रात में सो गई
दो किनारे, अलग हुए, और नदिया खो गई
किस क्या सुनाऊ दिल का?
शब्दों में नामानी दिखे, लम्हा बेवफ़ा है निकला
बैठा दोनों, आँखें नीचे
किस क्या सुनाऊ दिल का?
शब्दों में नामानी दिखे, लम्हा बेवफ़ा है निकला
बैठा दोनों, आँखें नीचे
एक ज़िंदगी जो कभी जीती थी, क्यों बेजान सी हो गई?
दो किनारे, अलग हुए, और नदिया खो गई
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